महाभारतम् — 12.68.46
Original
Segmented
यदा तु धन-धाराभिः तर्पयति उपकारिन् आच्छिनत्ति च रत्नानि विविधानि अपकारिन्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यदा | यदा | pos=i |
| तु | तु | pos=i |
| धन | धन | pos=n,comp=y |
| धाराभिः | धारा | pos=n,g=f,c=3,n=p |
| तर्पयति | तर्पय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| उपकारिन् | उपकारिन् | pos=a,g=m,c=2,n=p |
| आच्छिनत्ति | आच्छिद् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| च | च | pos=i |
| रत्नानि | रत्न | pos=n,g=n,c=2,n=p |
| विविधानि | विविध | pos=a,g=n,c=2,n=p |
| अपकारिन् | अपकारिन् | pos=a,g=m,c=6,n=p |