महाभारतम् — 12.7.38
Original
Segmented
मया निसृष्टम् पापम् हि परिग्रहम् अभीप्सता जन्म-क्षय-निमित्तम् च शक्यम् प्राप्तुम् इति श्रुतिः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
| निसृष्टम् | निसृज् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| पापम् | पाप | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| परिग्रहम् | परिग्रह | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| अभीप्सता | अभीप्स् | pos=va,g=m,c=3,n=s,f=part |
| जन्म | जन्मन् | pos=n,comp=y |
| क्षय | क्षय | pos=n,comp=y |
| निमित्तम् | निमित्त | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| शक्यम् | शक्य | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| प्राप्तुम् | प्राप् | pos=vi |
| इति | इति | pos=i |
| श्रुतिः | श्रुति | pos=n,g=f,c=1,n=s |