महाभारतम् — 12.70.18
Original
Segmented
दण्डनीतिम् परित्यज्य यदा कार्त्स्न्येन भूमिपः प्रजाः क्लिश्नाति अयोगेन प्रविश्यति तदा कलिः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| दण्डनीतिम् | दण्डनीति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| परित्यज्य | परित्यज् | pos=vi |
| यदा | यदा | pos=i |
| कार्त्स्न्येन | कार्त्स्न्य | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| भूमिपः | भूमिप | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| प्रजाः | प्रजा | pos=n,g=f,c=2,n=p |
| क्लिश्नाति | क्लिश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| अयोगेन | अयोग | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| प्रविश्यति | प्रविश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| तदा | तदा | pos=i |
| कलिः | कलि | pos=n,g=m,c=1,n=s |