महाभारतम् — 12.73.14
Original
Segmented
यः कश्चिद् विजयेद् भूमिम् ब्राह्मणाय निवेदयेत् श्रुत-वृत्त-उपपन्नाय धर्म-ज्ञाय तपस्विने
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| कश्चिद् | कश्चित् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| विजयेद् | विजि | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| भूमिम् | भूमि | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| ब्राह्मणाय | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=4,n=s |
| निवेदयेत् | निवेदय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| श्रुत | श्रुत | pos=n,comp=y |
| वृत्त | वृत्त | pos=n,comp=y |
| उपपन्नाय | उपपद् | pos=va,g=m,c=4,n=s,f=part |
| धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
| ज्ञाय | ज्ञ | pos=a,g=m,c=4,n=s |
| तपस्विने | तपस्विन् | pos=n,g=m,c=4,n=s |