महाभारतम् — 12.82.17
Original
Segmented
बभ्रु-उग्रसेनयोः राज्यम् न आप्तुम् शक्यम् कथंचन ज्ञाति-भेद-भयात् कृष्ण त्वया च अपि विशेषतः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| बभ्रु | बभ्रु | pos=n,comp=y |
| उग्रसेनयोः | उग्रसेन | pos=n,g=m,c=6,n=d |
| राज्यम् | राज्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| न | न | pos=i |
| आप्तुम् | आप् | pos=vi |
| शक्यम् | शक्य | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| कथंचन | कथंचन | pos=i |
| ज्ञाति | ज्ञाति | pos=n,comp=y |
| भेद | भेद | pos=n,comp=y |
| भयात् | भय | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| कृष्ण | कृष्ण | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| त्वया | त्वद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
| च | च | pos=i |
| अपि | अपि | pos=i |
| विशेषतः | विशेषतः | pos=i |