महाभारतम् — 12.84.37
Original
Segmented
यः तु अल्पेन अपि कार्येण सकृद् आक्षारितो भवेत् पुनः अन्यैः गुणैः युक्तो न मन्त्रम् श्रोतुम् अर्हति
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तु | तु | pos=i |
| अल्पेन | अल्प | pos=a,g=n,c=3,n=s |
| अपि | अपि | pos=i |
| कार्येण | कार्य | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| सकृद् | सकृत् | pos=i |
| आक्षारितो | आक्षारय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| अन्यैः | अन्य | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| गुणैः | गुण | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| युक्तो | युज् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| न | न | pos=i |
| मन्त्रम् | मन्त्र | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| श्रोतुम् | श्रु | pos=vi |
| अर्हति | अर्ह् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |