महाभारतम् — 12.88.2
Original
Segmented
भीष्म उवाच राष्ट्र-गुप्तिम् च ते सम्यग् राष्ट्रस्य एव च संग्रहम् हन्त सर्वम् प्रवक्ष्यामि तत् त्वम् एकमनाः शृणु
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| भीष्म | भीष्म | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| राष्ट्र | राष्ट्र | pos=n,comp=y |
| गुप्तिम् | गुप्ति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| च | च | pos=i |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=4,n=s |
| सम्यग् | सम्यक् | pos=i |
| राष्ट्रस्य | राष्ट्र | pos=n,g=n,c=6,n=s |
| एव | एव | pos=i |
| च | च | pos=i |
| संग्रहम् | संग्रह | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| हन्त | हन्त | pos=i |
| सर्वम् | सर्व | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| प्रवक्ष्यामि | प्रवच् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
| तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| एकमनाः | एकमनस् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| शृणु | श्रु | pos=v,p=2,n=s,l=lot |