महाभारतम् — 12.89.1
Original
Segmented
युधिष्ठिर उवाच यदा राजा समर्थो ऽपि कोश-अर्थी स्यात् महामते कथम् प्रवर्तेत तदा तत् मे ब्रूहि पितामह
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| युधिष्ठिर | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| यदा | यदा | pos=i |
| राजा | राजन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| समर्थो | समर्थ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| ऽपि | अपि | pos=i |
| कोश | कोश | pos=n,comp=y |
| अर्थी | अर्थिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| स्यात् | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| महामते | महामति | pos=a,g=m,c=8,n=s |
| कथम् | कथम् | pos=i |
| प्रवर्तेत | प्रवृत् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| तदा | तदा | pos=i |
| तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| ब्रूहि | ब्रू | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| पितामह | पितामह | pos=n,g=m,c=8,n=s |