महाभारतम् — 12.9.29
Original
Segmented
वीत-रागः चरन् एवम् तुष्टिम् प्राप्स्यामि शाश्वतीम् तृष्णया हि महत् पापम् अज्ञानाद् अस्मि कारितः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| वीत | वी | pos=va,comp=y,f=part |
| रागः | राग | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| चरन् | चर् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| एवम् | एवम् | pos=i |
| तुष्टिम् | तुष्टि | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| प्राप्स्यामि | प्राप् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
| शाश्वतीम् | शाश्वत | pos=a,g=f,c=2,n=s |
| तृष्णया | तृष्णा | pos=n,g=f,c=3,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| महत् | महत् | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| पापम् | पाप | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| अज्ञानाद् | अज्ञान | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| अस्मि | अस् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| कारितः | कारय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |