महाभारतम् — 12.92.30
Original
Segmented
संविभज्य यदा भुङ्क्ते न च अन्यान् अवमन्यते निहन्ति बलिनम् दृप्तम् स राज्ञो धर्म उच्यते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| संविभज्य | संविभज् | pos=vi |
| यदा | यदा | pos=i |
| भुङ्क्ते | भुज् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| न | न | pos=i |
| च | च | pos=i |
| अन्यान् | अन्य | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| अवमन्यते | अवमन् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| निहन्ति | निहन् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| बलिनम् | बलिन् | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| दृप्तम् | दृप् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| राज्ञो | राजन् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| धर्म | धर्म | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उच्यते | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |