महाभारतम् — 12.93.14
Original
Segmented
एवम् यो धर्म-संरम्भी धर्म-अर्थ-परिचिन्तकः अर्थान् समीक्ष्य आरभते स ध्रुवम् महद् अश्नुते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| एवम् | एवम् | pos=i |
| यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
| संरम्भी | संरम्भिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
| अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
| परिचिन्तकः | परिचिन्तक | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| अर्थान् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| समीक्ष्य | समीक्ष् | pos=vi |
| आरभते | आरभ् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ध्रुवम् | ध्रुवम् | pos=i |
| महद् | महत् | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| अश्नुते | अश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |