महाभारतम् — 13.1.31
Original
Segmented
मृद्-पात्रस्य क्रियायाम् हि दण्ड-चक्र-आदयः यथा कारण-त्वे प्रकल्प्यन्ते तथा त्वम् अपि पन्नग
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| मृद् | मृद् | pos=n,comp=y |
| पात्रस्य | पात्र | pos=n,g=n,c=6,n=s |
| क्रियायाम् | क्रिया | pos=n,g=f,c=7,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| दण्ड | दण्ड | pos=n,comp=y |
| चक्र | चक्र | pos=n,comp=y |
| आदयः | आदि | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| यथा | यथा | pos=i |
| कारण | कारण | pos=n,comp=y |
| त्वे | त्व | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| प्रकल्प्यन्ते | प्रकल्पय् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| तथा | तथा | pos=i |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| अपि | अपि | pos=i |
| पन्नग | पन्नग | pos=n,g=m,c=8,n=s |