महाभारतम् — 13.100.4
Original
Segmented
वासुदेव उवाच गार्हस्थ्यम् धर्मम् आश्रित्य मया वा मद्विधेन वा किम् अवश्यम् धरे कार्यम् किम् वा कृत्वा सुखी भवेत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| वासुदेव | वासुदेव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| गार्हस्थ्यम् | गार्हस्थ्य | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| धर्मम् | धर्म | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| आश्रित्य | आश्रि | pos=vi |
| मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
| वा | वा | pos=i |
| मद्विधेन | मद्विध | pos=a,g=m,c=3,n=s |
| वा | वा | pos=i |
| किम् | किम् | pos=i |
| अवश्यम् | अवश्यम् | pos=i |
| धरे | धरा | pos=n,g=f,c=8,n=s |
| कार्यम् | कृ | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
| किम् | क | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| वा | वा | pos=i |
| कृत्वा | कृ | pos=vi |
| सुखी | सुखिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |