महाभारतम् — 13.101.57
Original
Segmented
गृह्या हि देवता नित्यम् आशंसन्ति गृहात् सदा बाह्याः च आगन्तवः ये ऽन्ये यक्ष-राक्षस-पन्नगाः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| गृह्या | ग्रह् | pos=va,g=f,c=1,n=p,f=krtya |
| हि | हि | pos=i |
| देवता | देवता | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
| आशंसन्ति | आशंस् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| गृहात् | गृह | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| सदा | सदा | pos=i |
| बाह्याः | बाह्य | pos=a,g=m,c=1,n=p |
| च | च | pos=i |
| आगन्तवः | आगन्तु | pos=a,g=m,c=1,n=p |
| ये | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| ऽन्ये | अन्य | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| यक्ष | यक्ष | pos=n,comp=y |
| राक्षस | राक्षस | pos=n,comp=y |
| पन्नगाः | पन्नग | pos=n,g=m,c=1,n=p |