महाभारतम् — 13.103.27
Original
Segmented
भृगुः उवाच राजा युधिष्ठिरो नाम भविष्यति कुरु-उद्वहः स त्वाम् मोक्षयिता शापाद् इति उक्त्वा अन्तरधीयत
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| भृगुः | भृगु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| राजा | राजन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| युधिष्ठिरो | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| नाम | नाम | pos=i |
| भविष्यति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
| कुरु | कुरु | pos=n,comp=y |
| उद्वहः | उद्वह | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
| मोक्षयिता | मोक्षय् | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
| शापाद् | शाप | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| उक्त्वा | वच् | pos=vi |
| अन्तरधीयत | अन्तर्धा | pos=v,p=3,n=s,l=lan |