महाभारतम् — 13.107.104
Original
Segmented
सर्व-शौचेषु ब्राह्मेण तीर्थेन समुपस्पृशेत् निष्ठीव्य तु तथा क्षुत्वा स्पृश्य अपः हि शुचिः भवेत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
| शौचेषु | शौच | pos=n,g=n,c=7,n=p |
| ब्राह्मेण | ब्राह्म | pos=a,g=n,c=3,n=s |
| तीर्थेन | तीर्थ | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| समुपस्पृशेत् | समुपस्पृस् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| निष्ठीव्य | निष्ठीव् | pos=vi |
| तु | तु | pos=i |
| तथा | तथा | pos=i |
| क्षुत्वा | क्षु | pos=vi |
| स्पृश्य | स्पृश् | pos=vi |
| अपः | अप् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| हि | हि | pos=i |
| शुचिः | शुचि | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |