महाभारतम् — 13.107.130
Original
Segmented
न च ईर्ष्या स्त्रीषु कर्तव्या दारा रक्ः च सर्वशः अनायुष्या भवेद् ईर्ष्या तस्माद् ईर्ष्याम् विवर्जयेत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| न | न | pos=i |
| च | च | pos=i |
| ईर्ष्या | ईर्ष्या | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| स्त्रीषु | स्त्री | pos=n,g=f,c=7,n=p |
| कर्तव्या | कृ | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=krtya |
| दारा | दार | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| रक्ः | रक्ष् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=krtya |
| च | च | pos=i |
| सर्वशः | सर्वशस् | pos=i |
| अनायुष्या | अनायुष्य | pos=a,g=f,c=1,n=s |
| भवेद् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| ईर्ष्या | ईर्ष्या | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| तस्माद् | तस्मात् | pos=i |
| ईर्ष्याम् | ईर्ष्या | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| विवर्जयेत् | विवर्जय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |