महाभारतम् — 13.107.23
Original
Segmented
न उत्सृजेत पुरीषम् च क्षेत्रे ग्रामस्य च अन्तिके उभे मूत्र-पुरीषे तु न अप्सु कुर्यात् कदाचन
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| न | न | pos=i |
| उत्सृजेत | उत्सृज् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| पुरीषम् | पुरीष | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| च | च | pos=i |
| क्षेत्रे | क्षेत्र | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| ग्रामस्य | ग्राम | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| च | च | pos=i |
| अन्तिके | अन्तिक | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| उभे | उभ् | pos=n,g=n,c=2,n=d |
| मूत्र | मूत्र | pos=n,comp=y |
| पुरीषे | पुरीष | pos=n,g=n,c=2,n=d |
| तु | तु | pos=i |
| न | न | pos=i |
| अप्सु | अप् | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| कुर्यात् | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| कदाचन | कदाचन | pos=i |