महाभारतम् — 13.107.96
Original
Segmented
अङ्गुष्ठस्य अन्तराले च ब्राह्मम् तीर्थम् उदाहृतम् कनिष्ठिकायाः पश्चात् तु देव-तीर्थम् इह उच्यते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अङ्गुष्ठस्य | अङ्गुष्ठ | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| अन्तराले | अन्तराल | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| च | च | pos=i |
| ब्राह्मम् | ब्राह्म | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| तीर्थम् | तीर्थ | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| उदाहृतम् | उदाहृ | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| कनिष्ठिकायाः | कनिष्ठिका | pos=n,g=f,c=6,n=s |
| पश्चात् | पश्चात् | pos=i |
| तु | तु | pos=i |
| देव | देव | pos=n,comp=y |
| तीर्थम् | तीर्थ | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| इह | इह | pos=i |
| उच्यते | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |