महाभारतम् — 13.109.15
Original
Segmented
न अनपत्यः भवेत् प्राज्ञो दरिद्रो वा कदाचन यजिष्णुः पञ्चमीम् षष्ठीम् क्षपेद् यो भोजयेद् द्विजान्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| न | न | pos=i |
| अनपत्यः | अनपत्य | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| प्राज्ञो | प्राज्ञ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| दरिद्रो | दरिद्र | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| वा | वा | pos=i |
| कदाचन | कदाचन | pos=i |
| यजिष्णुः | यजिष्णु | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| पञ्चमीम् | पञ्चमी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| षष्ठीम् | षष्ठी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| क्षपेद् | क्षप् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| भोजयेद् | भोजय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| द्विजान् | द्विज | pos=n,g=m,c=2,n=p |