महाभारतम् — 13.110.108
Original
Segmented
फलम् प्राप्नोति विपुलम् देव-लोके च पूज्यते अमृत-आशी वसमानः तत्र स वितृप्तः प्रमोदते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| फलम् | फल | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| प्राप्नोति | प्राप् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| विपुलम् | विपुल | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| देव | देव | pos=n,comp=y |
| लोके | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| च | च | pos=i |
| पूज्यते | पूजय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| अमृत | अमृत | pos=n,comp=y |
| आशी | आशिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| वसमानः | वस् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| तत्र | तत्र | pos=i |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| वितृप्तः | वितृप् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| प्रमोदते | प्रमुद् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |