महाभारतम् — 13.110.121
Original
Segmented
यः तु मासे गते भुङ्क्ते एक-भक्तम् शम-आत्मकः सदा द्वादश मासान् वै ब्रह्म-लोकम् अवाप्नुयात्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तु | तु | pos=i |
| मासे | मास | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| गते | गम् | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |
| भुङ्क्ते | भुज् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| एक | एक | pos=n,comp=y |
| भक्तम् | भक्त | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| शम | शम | pos=n,comp=y |
| आत्मकः | आत्मक | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| सदा | सदा | pos=i |
| द्वादश | द्वादशन् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| मासान् | मास | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| वै | वै | pos=i |
| ब्रह्म | ब्रह्मन् | pos=n,comp=y |
| लोकम् | लोक | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| अवाप्नुयात् | अवाप् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |