महाभारतम् — 13.110.37
Original
Segmented
अश्वमेधस्य यज्ञस्य फलम् प्राप्नोति मानवः पुण्डरीक-प्रकाशम् च विमानम् लभते नरः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अश्वमेधस्य | अश्वमेध | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| यज्ञस्य | यज्ञ | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| फलम् | फल | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| प्राप्नोति | प्राप् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| मानवः | मानव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| पुण्डरीक | पुण्डरीक | pos=n,comp=y |
| प्रकाशम् | प्रकाश | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| च | च | pos=i |
| विमानम् | विमान | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| लभते | लभ् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| नरः | नर | pos=n,g=m,c=1,n=s |