महाभारतम् — 13.112.47
Original
Segmented
मनसा अपि गुरोः भार्याम् यः शिष्यो याति पाप-कृत् सो ऽधमान् याति संसारान् अधर्मेण इह चेतसा
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| मनसा | मनस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| अपि | अपि | pos=i |
| गुरोः | गुरु | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| भार्याम् | भार्या | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| शिष्यो | शिष्य | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| याति | या | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| पाप | पाप | pos=n,comp=y |
| कृत् | कृत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| सो | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽधमान् | अधम | pos=a,g=m,c=2,n=p |
| याति | या | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| संसारान् | संसार | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| अधर्मेण | अधर्म | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| इह | इह | pos=i |
| चेतसा | चेतस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |