महाभारतम् — 13.112.6
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच तयोः संवदतोः एवम् पार्थ-गाङ्गेययोः तदा आजगाम विशुद्ध-आत्मा भगवान् स बृहस्पतिः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| तयोः | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=d |
| संवदतोः | संवद् | pos=va,g=m,c=6,n=d,f=part |
| एवम् | एवम् | pos=i |
| पार्थ | पार्थ | pos=n,comp=y |
| गाङ्गेययोः | गाङ्गेय | pos=n,g=m,c=6,n=d |
| तदा | तदा | pos=i |
| आजगाम | आगम् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| विशुद्ध | विशुध् | pos=va,comp=y,f=part |
| आत्मा | आत्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| भगवान् | भगवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| बृहस्पतिः | बृहस्पति | pos=n,g=m,c=1,n=s |