महाभारतम् — 13.118.16
Original
Segmented
कीट उवाच सर्वत्र निरतो जीव इति इह अपि सुखम् मम चेतयामि महा-प्राज्ञैः तस्माद् इच्छामि जीवितुम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| कीट | कीट | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| सर्वत्र | सर्वत्र | pos=i |
| निरतो | निरम् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| जीव | जीव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| इह | इह | pos=i |
| अपि | अपि | pos=i |
| सुखम् | सुख | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| चेतयामि | चेतय् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| महा | महत् | pos=a,comp=y |
| प्राज्ञैः | प्राज्ञ | pos=a,g=m,c=8,n=s |
| तस्माद् | तस्मात् | pos=i |
| इच्छामि | इष् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| जीवितुम् | जीव् | pos=vi |