महाभारतम् — 13.125.21
Original
Segmented
तपः-प्रणिधा-आत्मानम् मन्ये त्वा अरण्य-काङ्क्षिनम् बन्धु-वर्गः न गृह्णाति तेन असि हरिणः कृशः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तपः | तपस् | pos=n,comp=y |
| प्रणिधा | प्रणिधा | pos=va,comp=y,f=part |
| आत्मानम् | आत्मन् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| मन्ये | मन् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| त्वा | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
| अरण्य | अरण्य | pos=n,comp=y |
| काङ्क्षिनम् | काङ्क्षिन् | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| बन्धु | बन्धु | pos=n,comp=y |
| वर्गः | वर्ग | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| न | न | pos=i |
| गृह्णाति | ग्रह् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| तेन | तेन | pos=i |
| असि | अस् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| हरिणः | हरिण | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| कृशः | कृश | pos=a,g=m,c=1,n=s |