महाभारतम् — 13.125.37
Original
Segmented
श्रोत्रियान् च विकर्मन्-स्थान् प्राज्ञान् च अपि अजित-इन्द्रियान् मन्ये ऽनुध्यायसि जायमानः तेन असि हरिणः कृशः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| श्रोत्रियान् | श्रोत्रिय | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| च | च | pos=i |
| विकर्मन् | विकर्मन् | pos=n,comp=y |
| स्थान् | स्थ | pos=a,g=m,c=2,n=p |
| प्राज्ञान् | प्राज्ञ | pos=a,g=m,c=2,n=p |
| च | च | pos=i |
| अपि | अपि | pos=i |
| अजित | अजित | pos=a,comp=y |
| इन्द्रियान् | इन्द्रिय | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| मन्ये | मन् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| ऽनुध्यायसि | अनुध्या | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| जायमानः | जन् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| तेन | तेन | pos=i |
| असि | अस् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| हरिणः | हरिण | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| कृशः | कृश | pos=a,g=m,c=1,n=s |