महाभारतम् — 13.129.2
Original
Segmented
महेश्वर उवाच ब्राह्मणा लोक-सारेण सृष्टा धात्रा गुण-अर्थिना लोकान् तारय् कृत्स्नान् मर्त्येषु क्षितिदेवताः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| महेश्वर | महेश्वर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| ब्राह्मणा | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| लोक | लोक | pos=n,comp=y |
| सारेण | सार | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| सृष्टा | सृज् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
| धात्रा | धातृ | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| गुण | गुण | pos=n,comp=y |
| अर्थिना | अर्थिन् | pos=a,g=m,c=3,n=s |
| लोकान् | लोक | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| तारय् | तारय् | pos=vi |
| कृत्स्नान् | कृत्स्न | pos=a,g=m,c=2,n=p |
| मर्त्येषु | मर्त्य | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| क्षितिदेवताः | क्षितिदेवता | pos=n,g=f,c=1,n=p |