महाभारतम् — 13.129.35
Original
Segmented
महेश्वर उवाच हन्त ते ऽहम् प्रवक्ष्यामि मुनि-धर्मम् अनुत्तमम् यम् कृत्वा मुनयो यान्ति सिद्धिम् स्व-तपसा शुभे
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| महेश्वर | महेश्वर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| हन्त | हन्त | pos=i |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| ऽहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| प्रवक्ष्यामि | प्रवच् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
| मुनि | मुनि | pos=n,comp=y |
| धर्मम् | धर्म | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| अनुत्तमम् | अनुत्तम | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| यम् | यद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| कृत्वा | कृ | pos=vi |
| मुनयो | मुनि | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| यान्ति | या | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| सिद्धिम् | सिद्धि | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| स्व | स्व | pos=a,comp=y |
| तपसा | तपस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| शुभे | शुभ | pos=a,g=f,c=8,n=s |