महाभारतम् — 13.13.1
Original
Segmented
युधिष्ठिर उवाच किम् कर्तव्यम् मनुष्येण लोकयात्रा-हित-अर्थिना कथम् वै लोकयात्राम् तु किंशीलः च समाचरेत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| युधिष्ठिर | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| किम् | क | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| कर्तव्यम् | कृ | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
| मनुष्येण | मनुष्य | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| लोकयात्रा | लोकयात्रा | pos=n,comp=y |
| हित | हित | pos=n,comp=y |
| अर्थिना | अर्थिन् | pos=a,g=m,c=3,n=s |
| कथम् | कथम् | pos=i |
| वै | वै | pos=i |
| लोकयात्राम् | लोकयात्रा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| तु | तु | pos=i |
| किंशीलः | किंशील | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| समाचरेत् | समाचर् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |