महाभारतम् — 13.131.22
Original
Segmented
ब्राह्मण-त्वम् शुभम् प्राप्य दुर्लभम् यो ऽवमन्यते अभोज्य-अन्नानि च अश्नाति स द्विज-त्वात् पतेत वै
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| ब्राह्मण | ब्राह्मण | pos=n,comp=y |
| त्वम् | त्व | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| शुभम् | शुभ | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| प्राप्य | प्राप् | pos=vi |
| दुर्लभम् | दुर्लभ | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽवमन्यते | अवमन् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| अभोज्य | अभोज्य | pos=a,comp=y |
| अन्नानि | अन्न | pos=n,g=n,c=2,n=p |
| च | च | pos=i |
| अश्नाति | अश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| द्विज | द्विज | pos=n,comp=y |
| त्वात् | त्व | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| पतेत | पत् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| वै | वै | pos=i |