महाभारतम् — 13.132.47
Original
Segmented
महेश्वर उवाच हन्त ते ऽहम् प्रवक्ष्यामि देवि कर्म-फल-उदयम् मर्त्य-लोके नराः सर्वे येन स्वम् भुञ्जते फलम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| महेश्वर | महेश्वर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| हन्त | हन्त | pos=i |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| ऽहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| प्रवक्ष्यामि | प्रवच् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
| देवि | देवी | pos=n,g=f,c=8,n=s |
| कर्म | कर्मन् | pos=n,comp=y |
| फल | फल | pos=n,comp=y |
| उदयम् | उदय | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| मर्त्य | मर्त्य | pos=n,comp=y |
| लोके | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| नराः | नर | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| सर्वे | सर्व | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| येन | यद् | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| स्वम् | स्व | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| भुञ्जते | भुज् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| फलम् | फल | pos=n,g=n,c=2,n=s |