महाभारतम् — 13.133.54
Original
Segmented
महेश्वर उवाच श्रेयांसम् मार्गम् आतिष्ठन् सदा यः पृच्छते द्विजान् धर्म-अन्वेषी गुण-आकाङ्क्षी स स्वर्गम् समुपाश्नुते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| महेश्वर | महेश्वर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| श्रेयांसम् | श्रेयस् | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| मार्गम् | मार्ग | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| आतिष्ठन् | आस्था | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| सदा | सदा | pos=i |
| यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| पृच्छते | प्रच्छ् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| द्विजान् | द्विज | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
| अन्वेषी | अन्वेषिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| गुण | गुण | pos=n,comp=y |
| आकाङ्क्षी | आकाङ्क्षिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| स्वर्गम् | स्वर्ग | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| समुपाश्नुते | समुपाश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |