महाभारतम् — 13.14.164
Original
Segmented
प्रसीद मम भक्तस्य दीनस्य कृपणस्य च अनैश्वर्येण युक्तस्य गतिः भव सनातन
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| प्रसीद | प्रसद् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| भक्तस्य | भक्त | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| दीनस्य | दीन | pos=a,g=m,c=6,n=s |
| कृपणस्य | कृपण | pos=a,g=m,c=6,n=s |
| च | च | pos=i |
| अनैश्वर्येण | अनैश्वर्य | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| युक्तस्य | युज् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
| गतिः | गति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| भव | भू | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| सनातन | सनातन | pos=a,g=m,c=8,n=s |