महाभारतम् — 13.14.26
Original
Segmented
प्राप्य अनुज्ञाम् गुरु-जनात् अहम् तार्क्ष्यम् अचिन्तयम् सो अवहत् हिमवत् माम् प्राप्य च एनम् व्यसर्जयम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| प्राप्य | प्राप् | pos=vi |
| अनुज्ञाम् | अनुज्ञा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| गुरु | गुरु | pos=n,comp=y |
| जनात् | जन | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| तार्क्ष्यम् | तार्क्ष्य | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| अचिन्तयम् | चिन्तय् | pos=v,p=1,n=s,l=lan |
| सो | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| अवहत् | वह् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| हिमवत् | हिमवत् | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| माम् | मद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
| प्राप्य | प्राप् | pos=vi |
| च | च | pos=i |
| एनम् | एनद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| व्यसर्जयम् | विसर्जय् | pos=v,p=1,n=s,l=lan |