महाभारतम् — 13.141.10
Original
Segmented
जगद् वितिमिरम् च अपि प्रदीप्तम् अकरोत् तदा व्यजयत् शत्रु-सङ्घान् च देवानाम् स्वेन तेजसा
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| जगद् | जगन्त् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| वितिमिरम् | वितिमिर | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| च | च | pos=i |
| अपि | अपि | pos=i |
| प्रदीप्तम् | प्रदीप् | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
| अकरोत् | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| तदा | तदा | pos=i |
| व्यजयत् | विजि | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| शत्रु | शत्रु | pos=n,comp=y |
| सङ्घान् | संघ | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| च | च | pos=i |
| देवानाम् | देव | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| स्वेन | स्व | pos=a,g=n,c=3,n=s |
| तेजसा | तेजस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |