महाभारतम् — 13.144.4
Original
Segmented
सदा द्विजातीन् सम्पूज्य किम् फलम् तत्र मानद एतद् ब्रूहि पितः सर्वम् सु महान् संशयो ऽत्र मे
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| सदा | सदा | pos=i |
| द्विजातीन् | द्विजाति | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| सम्पूज्य | सम्पूजय् | pos=vi |
| किम् | क | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| फलम् | फल | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| तत्र | तत्र | pos=i |
| मानद | मानद | pos=a,g=m,c=8,n=s |
| एतद् | एतद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| ब्रूहि | ब्रू | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| पितः | पितृ | pos=n,g=,c=8,n=s |
| सर्वम् | सर्व | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| सु | सु | pos=i |
| महान् | महत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| संशयो | संशय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽत्र | अत्र | pos=i |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |