महाभारतम् — 13.145.31
Original
Segmented
असूय् च शक्रस्य वज्रेण प्रहरिष्यतः स वज्रम् स्तम्भयामास तम् बाहुम् परिघ-उपमम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| असूय् | असूय् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
| च | च | pos=i |
| शक्रस्य | शक्र | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| वज्रेण | वज्र | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| प्रहरिष्यतः | प्रहृ | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
| स | स | pos=i |
| वज्रम् | वज्र | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| स्तम्भयामास | स्तम्भय् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| बाहुम् | बाहु | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| परिघ | परिघ | pos=n,comp=y |
| उपमम् | उपम | pos=a,g=m,c=2,n=s |