महाभारतम् — 13.148.27
Original
Segmented
न जातु त्वम् इति ब्रूयाद् आपन्नो ऽपि महत्तरम् त्वंकारो वा वधो वा इति विद्वत्सु न विशिष्यते अवराणाम् समानानाम् शिष्याणाम् च समाचरेत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| न | न | pos=i |
| जातु | जातु | pos=i |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| ब्रूयाद् | ब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| आपन्नो | आपद् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| ऽपि | अपि | pos=i |
| महत्तरम् | महत्तर | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| त्वंकारो | त्वंकार | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| वा | वा | pos=i |
| वधो | वध | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| वा | वा | pos=i |
| इति | इति | pos=i |
| विद्वत्सु | विद्वस् | pos=a,g=m,c=7,n=p |
| न | न | pos=i |
| विशिष्यते | विशिष् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| अवराणाम् | अवर | pos=a,g=m,c=6,n=p |
| समानानाम् | समान | pos=a,g=m,c=6,n=p |
| शिष्याणाम् | शिष्य | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| च | च | pos=i |
| समाचरेत् | समाचर् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |