महाभारतम् — 13.148.32
Original
Segmented
तस्मात् पापम् न गूहेत गूहमानम् विवर्धते कृत्वा तु साधुषु आख्यातव्यम् ते तत् प्रशमयन्ति उत
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तस्मात् | तस्मात् | pos=i |
| पापम् | पाप | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| न | न | pos=i |
| गूहेत | गुह् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| गूहमानम् | गुह् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
| विवर्धते | विवृध् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| कृत्वा | कृ | pos=vi |
| तु | तु | pos=i |
| साधुषु | साधु | pos=a,g=m,c=7,n=p |
| आख्यातव्यम् | आख्या | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
| ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| प्रशमयन्ति | प्रशमय् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| उत | उत | pos=i |