महाभारतम् — 13.150.3
Original
Segmented
यदा तु अस्य भवेद् बुद्धिः धर्म्या च अर्थ-प्रदर्शिन् तदा आश्वसीत धर्म-आत्म-अदृढ-बुद्धिः न विश्वसेत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यदा | यदा | pos=i |
| तु | तु | pos=i |
| अस्य | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| भवेद् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| बुद्धिः | बुद्धि | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| धर्म्या | धर्म्य | pos=a,g=f,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
| प्रदर्शिन् | प्रदर्शिन् | pos=a,g=f,c=1,n=s |
| तदा | तदा | pos=i |
| आश्वसीत | आश्वस् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
| आत्म | आत्मन् | pos=n,comp=y |
| अदृढ | अदृढ | pos=a,comp=y |
| बुद्धिः | बुद्धि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| न | न | pos=i |
| विश्वसेत् | विश्वस् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |