महाभारतम् — 13.153.1
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच ततः कुन्ती-सुतः राजा पौर-जानपदम् जनम् पूजयित्वा यथान्यायम् अनुजज्ञे गृहान् प्रति
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| ततः | ततस् | pos=i |
| कुन्ती | कुन्ती | pos=n,comp=y |
| सुतः | सुत | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| राजा | राजन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| पौर | पौर | pos=n,comp=y |
| जानपदम् | जानपद | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| जनम् | जन | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| पूजयित्वा | पूजय् | pos=vi |
| यथान्यायम् | यथान्यायम् | pos=i |
| अनुजज्ञे | अनुज्ञा | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| गृहान् | गृह | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| प्रति | प्रति | pos=i |