महाभारतम् — 13.18.1
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच महा-योगी ततः प्राह कृष्णद्वैपायनो मुनिः पठस्व पुत्र भद्रम् ते प्रीयताम् ते महेश्वरः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| महा | महत् | pos=a,comp=y |
| योगी | योगिन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ततः | ततस् | pos=i |
| प्राह | प्राह् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| कृष्णद्वैपायनो | कृष्णद्वैपायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| मुनिः | मुनि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| पठस्व | पठ् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| पुत्र | पुत्र | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| भद्रम् | भद्र | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| प्रीयताम् | प्री | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| महेश्वरः | महेश्वर | pos=n,g=m,c=1,n=s |