महाभारतम् — 13.23.4
Original
Segmented
भीष्म उवाच श्रद्धा-पूतः नरः तात दुर्दान्तो ऽपि न संशयः पूतो भवति सर्वत्र किम् पुनः त्वम् महीपते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| भीष्म | भीष्म | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| श्रद्धा | श्रद्धा | pos=n,comp=y |
| पूतः | पू | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| नरः | नर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तात | तात | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| दुर्दान्तो | दुर्दान्त | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| ऽपि | अपि | pos=i |
| न | न | pos=i |
| संशयः | संशय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| पूतो | पू | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| सर्वत्र | सर्वत्र | pos=i |
| किम् | किम् | pos=i |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| महीपते | महीपति | pos=n,g=m,c=8,n=s |