महाभारतम् — 13.25.8
Original
Segmented
यः प्रवृत्ताम् श्रुतिम् सम्यक् शास्त्रम् वा मुनिभिः कृतम् दूषयत्य् अन् अभिज्ञाय तम् विद्याद् ब्रह्म-घातिनम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| प्रवृत्ताम् | प्रवृत् | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
| श्रुतिम् | श्रुति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| सम्यक् | सम्यक् | pos=i |
| शास्त्रम् | शास्त्र | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| वा | वा | pos=i |
| मुनिभिः | मुनि | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| कृतम् | कृ | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
| दूषयत्य् | दूषय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| अन् | अन् | pos=i |
| अभिज्ञाय | अभिज्ञा | pos=vi |
| तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| विद्याद् | विद् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| ब्रह्म | ब्रह्मन् | pos=n,comp=y |
| घातिनम् | घातिन् | pos=a,g=m,c=2,n=s |