महाभारतम् — 13.27.37
Original
Segmented
यः तु सूर्येण निष्टप्तम् गाङ्गेयम् पिबते जलम् गवाम् निर्हार-निर्मुक्तात् यावकात् तद् विशिष्यते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तु | तु | pos=i |
| सूर्येण | सूर्य | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| निष्टप्तम् | निष्टप् | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
| गाङ्गेयम् | गाङ्गेय | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| पिबते | पा | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| जलम् | जल | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| गवाम् | गो | pos=n,g=,c=6,n=p |
| निर्हार | निर्हार | pos=n,comp=y |
| निर्मुक्तात् | निर्मुच् | pos=va,g=m,c=5,n=s,f=part |
| यावकात् | यावक | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| तद् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| विशिष्यते | विशिष् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |