महाभारतम् — 13.27.43
Original
Segmented
भवन्ति निर्विषाः सर्पा यथा तार्क्ष्यस्य दर्शनात् गङ्गाया दर्शनात् तद्वत् सर्व-पापैः प्रमुच्यते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| भवन्ति | भू | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| निर्विषाः | निर्विष | pos=a,g=m,c=1,n=p |
| सर्पा | सर्प | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| यथा | यथा | pos=i |
| तार्क्ष्यस्य | तार्क्ष्य | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| दर्शनात् | दर्शन | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| गङ्गाया | गङ्गा | pos=n,g=f,c=6,n=s |
| दर्शनात् | दर्शन | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| तद्वत् | तद्वत् | pos=i |
| सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
| पापैः | पाप | pos=n,g=n,c=3,n=p |
| प्रमुच्यते | प्रमुच् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |