महाभारतम् — 13.27.65
Original
Segmented
न सुतैः न च वित्तेन कर्मणा न च तत् फलम् प्राप्नुयात् पुरुषो ऽत्यन्तम् गङ्गाम् प्राप्य यद् आप्नुयात्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| न | न | pos=i |
| सुतैः | सुत | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| न | न | pos=i |
| च | च | pos=i |
| वित्तेन | वित्त | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| कर्मणा | कर्मन् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| न | न | pos=i |
| च | च | pos=i |
| तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| फलम् | फल | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| प्राप्नुयात् | प्राप् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| पुरुषो | पुरुष | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽत्यन्तम् | अत्यन्त | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| गङ्गाम् | गङ्गा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| प्राप्य | प्राप् | pos=vi |
| यद् | यद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| आप्नुयात् | आप् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |