महाभारतम् — 13.4.8
Original
Segmented
ताम् वव्रे भार्गवः श्रीमान् च्यवनस्य आत्मजः प्रभुः ऋचीक इति विख्यातो विपुले तपसि स्थितः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| ताम् | तद् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| वव्रे | वृ | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| भार्गवः | भार्गव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| श्रीमान् | श्रीमत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| च्यवनस्य | च्यवन | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| आत्मजः | आत्मज | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| प्रभुः | प्रभु | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| ऋचीक | ऋचीक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| विख्यातो | विख्या | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| विपुले | विपुल | pos=a,g=n,c=7,n=s |
| तपसि | तपस् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| स्थितः | स्था | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |